tag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post2400788588394331239..comments2024-03-23T21:12:19.100-07:00Comments on Yeh Mera Jahaan: संवेदना की भाषा और निरक्षरता की पीड़ा गिरिजा कुलश्रेष्ठhttp://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-55551619642471269262017-07-05T07:47:53.792-07:002017-07-05T07:47:53.792-07:00ऐसा अक्सर होता है ... इंसान चाहता। हाई है पर हो नह...ऐसा अक्सर होता है ... इंसान चाहता। हाई है पर हो नहीं पता ... पर अब भी देर कहाँ हुयी है आप की इच्छा शक्ति बताती है की आप अब भी सीख सकती है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-50861643000857450102017-07-02T19:48:05.580-07:002017-07-02T19:48:05.580-07:00आभार ..आभार ..गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-41202263442702387202017-07-02T19:47:08.465-07:002017-07-02T19:47:08.465-07:00आपने सही कहा .मातृभाषा के अलावा कम से कम दो भाषाएँ...आपने सही कहा .मातृभाषा के अलावा कम से कम दो भाषाएँ आनी चाहिए .एक जहाँ रह रहे हैं दूसरी अंग्रेज़ी .उसके बाद मैंने भी कन्नड़ लिपि और कुछ जरूरी शब्द याद किये थे पर अब सह तरीके से सीखने का मन है .यह ब्लॉग की पहली पोस्ट है .वाणी अम्मा दस साल पहले आया करती थी ॥गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-61873703080669973752017-07-02T19:40:37.829-07:002017-07-02T19:40:37.829-07:00आभार ..आभार ..गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-54261594991523058582017-07-02T07:53:10.402-07:002017-07-02T07:53:10.402-07:00आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (03-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (03-07-2016) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "मिट गयी सारी तपन" (चर्चा अंक-2654) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-35114017698127458782017-07-02T04:31:20.331-07:002017-07-02T04:31:20.331-07:00बहुत ही प्रभावशाली, शुभकामनाएं.
रामराम
#हिन्दी_ब्...बहुत ही प्रभावशाली, शुभकामनाएं.<br />रामराम<br /> #हिन्दी_ब्लॉगिंगताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-4005089619938662052017-07-02T02:26:34.105-07:002017-07-02T02:26:34.105-07:00दीदी, आप तो व्यक्त और अव्यक्त दोनों को महसूस कर ले...दीदी, आप तो व्यक्त और अव्यक्त दोनों को महसूस कर लेती हैं. लेकिन जिन घटनाओं का आपने वर्णन किया है उन्हें जानकर मं कचोट कर रह गया. रही बात भाषा ना समझ पाने की, तो इस मामले में आपका छोटा भाई ज़रा सा भाग्यशाली है. मैं तो ज़्यादा दिन तक बर्दाश्त नहीं कर सकता अपनी निरक्षरता... मैं जुट जाता सीखने में. अब जब आप लौट आई हैं, सीखना शुरू कर दीजिए और अगले प्रवास में वाणी अम्मा (परमात्मा उन्हें लंबी उम्र दे और आरोग्य प्रदान करे) को कन्नड़/ तमिल बोलकर चकित कर दें.चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-17206125934432141532017-07-02T00:24:51.307-07:002017-07-02T00:24:51.307-07:00विचारणीय विचारणीय vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-50360640804798306652017-07-01T21:39:30.014-07:002017-07-01T21:39:30.014-07:00Haan, aapne sahi kaha bua! Waise mujhe ye khalta h...Haan, aapne sahi kaha bua! Waise mujhe ye khalta hai ki main itne saal wahan rah kar wahan ki bhasha waise seekh nnahi paya...bas toota foota hi aata hai...<br />Lekin shuruaaat ke dinon me bhi aise kai log mile mujhe bhi jinhe meri baaten samajh nahi aayi, aur mujhe unki..baat me fir aadat ho gayi...toota foota jod ke samajh hi lete the abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.com