tag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post2450383561429066479..comments2024-03-23T21:12:19.100-07:00Comments on Yeh Mera Jahaan: सूखा --तीन चित्र गिरिजा कुलश्रेष्ठhttp://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-56575646725921740282014-07-31T10:34:19.035-07:002014-07-31T10:34:19.035-07:00प्रकृति और समाज दोनं को जोडती ये कविताएं अनोखी और ...प्रकृति और समाज दोनं को जोडती ये कविताएं अनोखी और सुंदर हैं.Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-28308959063361660722014-07-31T10:33:10.763-07:002014-07-31T10:33:10.763-07:00प्रकृति और समाज को जोडने वाले बिम्ब वालीये कविताएं...प्रकृति और समाज को जोडने वाले बिम्ब वालीये कविताएं बहुतही अच्छी लगीं।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-61187287553140731162014-07-15T22:58:58.963-07:002014-07-15T22:58:58.963-07:00बहुत सुंदर शब्दचित्र गिरिजाजी...बहुत सुंदर शब्दचित्र गिरिजाजी...दीपिका रानीhttps://www.blogger.com/profile/12986060603619371005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-27002664054612305092014-07-14T02:52:08.566-07:002014-07-14T02:52:08.566-07:00सुन्दर। सुन्दर। Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-52295749575721779372014-07-14T00:26:36.052-07:002014-07-14T00:26:36.052-07:00अनोखे बिम्ब ... हकीकत को लिखने के लिए बिलकुल नए बि...अनोखे बिम्ब ... हकीकत को लिखने के लिए बिलकुल नए बिम्ब ... <br />हर साल अब तो सावन का मौसम ऐसे ही तरसाता है .. दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-39846900906166192432014-07-13T06:07:28.921-07:002014-07-13T06:07:28.921-07:00ब्लॉग बुलेटिन आज की बुलेटिन, थम गया हुल्लड़ का हुल...ब्लॉग बुलेटिन आज की बुलेटिन, <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2014/07/blog-post_13.html" rel="nofollow"> थम गया हुल्लड़ का हुल्लड़ - ब्लॉग बुलेटिन </a> , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-45822366067387648132014-07-12T22:23:07.946-07:002014-07-12T22:23:07.946-07:00नये नये बिम्बों से सजी यथार्थवादी रचनाएँ !नये नये बिम्बों से सजी यथार्थवादी रचनाएँ !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-85328274625850654432014-07-12T17:05:29.317-07:002014-07-12T17:05:29.317-07:00बिंब-प्रतिबिंब भाव, प्रकृति और मानवी व्यवहार का -...बिंब-प्रतिबिंब भाव, प्रकृति और मानवी व्यवहार का - नैसर्गिक ऋतु-क्रम भी इंसान की तरह टालमटोल पर तुले - चित्रात्मक कल्पना ने पूरी रसात्मकता के साथ दोनों को एक धरातल पर स्थापित कर दिया -सुन्दर ! <br /><br /> प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-40116590884610677752014-07-12T10:40:46.052-07:002014-07-12T10:40:46.052-07:00कौन कहता है कि ये कविताएँ 1984 में रची गयी हैं... ...कौन कहता है कि ये कविताएँ 1984 में रची गयी हैं... <br />ओ आषाढ के पहले बादल से लेकर अब तो सावन भी शुरू हो गया, मगर धूप विदा होने का नाम नहीं ले रही. <br />नग्न आसमान, धरती का चीर-हरण और "घन"-श्याम का न आना "वाह" कहने को उकसाता है... फिल्मी पुलिस की तरह देर से आने वाली बरसात पर मुस्कुराहट फैल जाती है होठों पर... और कुपोषण की शिकार फसलों का शब्दचित्र "उफ्फ" कहने को मजबूर करता है...<br />!!<br />कुल मिलाकर भले ही कविताओं के अंतस में बरसात के विलम्ब का दर्द झलकता है - कविताओं को पढकर आहा से लेकर आह तक के भावों से भर जाता है मन!! चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-8361310261260911972014-07-12T10:36:20.765-07:002014-07-12T10:36:20.765-07:00बहुत बढ़िया और सामायिक रचना...
सादर
अनु बहुत बढ़िया और सामायिक रचना...<br /><br />सादर<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.com