tag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post9095147202701615758..comments2024-03-23T21:12:19.100-07:00Comments on Yeh Mera Jahaan: सड़कें ..गिरिजा कुलश्रेष्ठhttp://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-10603959739323427932018-11-18T03:54:48.703-08:002018-11-18T03:54:48.703-08:00धन्यवाद कुसुम जी .धन्यवाद कुसुम जी .गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-13677916148752929542018-11-18T03:54:15.155-08:002018-11-18T03:54:15.155-08:00धन्यवाद सुधा जी .धन्यवाद सुधा जी .गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-73166711717205054192018-11-18T03:53:30.799-08:002018-11-18T03:53:30.799-08:00धन्यवाद श्वेता जी . साधना दी का भी विशेष आभार कि उ...धन्यवाद श्वेता जी . साधना दी का भी विशेष आभार कि उन्होंने रचना को आप तक पहुँचाया .गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-20105536823022506092018-11-16T06:39:17.014-08:002018-11-16T06:39:17.014-08:00आपाधापी वाले इस समय में सच दूरियां बढ़ गई है जिसे...आपाधापी वाले इस समय में सच दूरियां बढ़ गई है जिसे चाह कर भी नही समेट पाते, सामायिक सार्थक अभिव्यक्ति। मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-76885593013423496322018-11-16T04:11:16.800-08:002018-11-16T04:11:16.800-08:00सड़क जैसी ही .हो रही है जिन्दगी ,
सड़कों को पार कर...सड़क जैसी ही .हो रही है जिन्दगी ,<br />सड़कों को पार करना कठिन <br />उससे भी ज्यादा कठिन तय कर पाना दूरी<br />अब दिल से दिल तक की .<br />विलुप्त हो रहा मिलने का चाव <br />व्यस्त त्रस्त सड़कों की दूरियां और अपनो के दिलो की दूरियां सभी बढ रही हैं आजकल... बहुत सुंदर सटीक रचना....<br />वाह!!!Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-90041650328003752722018-06-26T23:57:31.601-07:002018-06-26T23:57:31.601-07:00महानगर के साथ साथ अब दिलों के बीच भी दूरियों के लम...महानगर के साथ साथ अब दिलों के बीच भी दूरियों के लम्बे लम्बे रास्ते आ गए हैं ... ओपचारिकता ने जगह बना ली है ... सड़कों को नापना मुश्किल होता जा रहा है ... <br />आपसी संबंधों का ताना बाना ... सड़कों से सड़कों की दूरियां ... बाखूबी हालात को लिखा है इस गंभीर रचना में ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-48409791542571214932018-05-11T02:41:07.256-07:002018-05-11T02:41:07.256-07:00आभार अनीता जी .आभार अनीता जी .गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-74457200003036939822018-05-10T23:02:42.751-07:002018-05-10T23:02:42.751-07:00महानगर की आपाधापी और संबंधों के मध्य बढ़ती दूरियों ...महानगर की आपाधापी और संबंधों के मध्य बढ़ती दूरियों को प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करती रचना..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.com