tag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post9106106624782759607..comments2024-03-23T21:12:19.100-07:00Comments on Yeh Mera Jahaan: रमपतिया की तलाश में एक कवितागिरिजा कुलश्रेष्ठhttp://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-77622613196792998532019-07-11T06:52:31.725-07:002019-07-11T06:52:31.725-07:00नमन आपकी लेखनी को । नमन आपकी लेखनी को । Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-37917599085109248682014-03-09T01:23:00.153-08:002014-03-09T01:23:00.153-08:00राम्पतिया के चरित्र को जैसे जिया हो इन संवेदनाओं न...राम्पतिया के चरित्र को जैसे जिया हो इन संवेदनाओं ने ... गहरी शशत और सार्थक संजोके रखने वाली कृति ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-23692189469418919102014-03-08T02:24:01.991-08:002014-03-08T02:24:01.991-08:00शूल चुभता है पर प्यार से, संवेदना से रमपतिया के च...शूल चुभता है पर प्यार से, संवेदना से रमपतिया के चरित्र को जीकर। Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-65004020906069234692012-04-21T09:32:06.423-07:002012-04-21T09:32:06.423-07:00Mom, You are awesome,
Proud to be your son.Mom, You are awesome, <br />Proud to be your son.Mayank Kulshreshthahttps://www.blogger.com/profile/12522976259877824773noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-73476952006191454702012-04-19T11:54:19.012-07:002012-04-19T11:54:19.012-07:00रमपतिया,एक ऐसा चरित्र जो घुट-घुट कर जीने के बजाय ...रमपतिया,एक ऐसा चरित्र जो घुट-घुट कर जीने के बजाय खुल कर अकुण्ठित जीवन जीता है.एक संदेश देती है कविता !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-73872742432830751722012-04-19T03:44:17.130-07:002012-04-19T03:44:17.130-07:00सशक्त रचना!सशक्त रचना!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-66160166957297251582012-04-18T23:41:03.001-07:002012-04-18T23:41:03.001-07:00संयोग से कुछ समय पहले मैंने 'रमिया का एक दिन&#...संयोग से कुछ समय पहले मैंने 'रमिया का एक दिन' नाम से एक कविता अपने ब्लॉग पर लगाई थी। आपकी कविता के पासंग भर भी नहीं है वह भाव और शिल्प में, मगर मैं दिल से चाहूंगी कि आप उसे पढ़कर कुछ सुझाव दें। लिक है - http://ahilyaa.blogspot.in/2012/03/blog-post_08.htmlदीपिका रानीhttps://www.blogger.com/profile/12986060603619371005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-28732293952824645712012-04-18T23:38:29.679-07:002012-04-18T23:38:29.679-07:00आज ही मनोज जी के ब्लॉग पर आपकी इस कविता से परिचय ह...आज ही मनोज जी के ब्लॉग पर आपकी इस कविता से परिचय हुआ.. और यहां पूरा साक्षात्कार। मन में जो भाव उमड़े, वह मनोज जी के ब्लॉग पर रह गए। इस कविता के लिए कोई सटीक शब्द नहीं हैं मेरे पास... कुछ भी लिखने से लगता है कि कहीं हर ब्लॉग पर जाकर बिना पढ़े टिप्पणी करने वालों के शब्द - वाह, शानदार, ग़जब, खूबसूरत, बेहतरीन - जैसा न लगने लगे क्योंकि यह कविता वाकई इतनी अच्छी लगी कि मेरे पास शब्द नहीं हैं.. आजकल भेड़चाल वाले ब्लॉगों में जब कोई वाकई अच्छी रचना पढ़ने को मिलती है, तो लगता है कि हमने सीपों के भंडार में मोती वाला सीप ढूंढ लिया।दीपिका रानीhttps://www.blogger.com/profile/12986060603619371005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-29740847352021033522012-04-18T10:43:20.633-07:002012-04-18T10:43:20.633-07:00रमपतिया का बेबाक चरित्र आज के राजनीतिक माहौल मे भा...रमपतिया का बेबाक चरित्र आज के राजनीतिक माहौल मे भारतीय जनता के लिए परम आवश्यक है। बहुत अच्छी रचना। आभार।आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-50115778957011138672012-04-18T09:29:26.716-07:002012-04-18T09:29:26.716-07:00रमपतिया यहीं कहीं है, हमारे दिल में, आपके भी। हम उ...रमपतिया यहीं कहीं है, हमारे दिल में, आपके भी। हम उसे देखे हैं, मिले हैं। अपनी नानी में, मां में और गांव के कई घरों में। वह मर नहीं सकती, मारी भली जाती रहे।<br />अगर आप आदेश और सहमति दें तो कल की आंच पर इसे लगाएं। (ब्लॉग मनोज पर)मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-36850819742001953312012-04-18T09:13:36.988-07:002012-04-18T09:13:36.988-07:00गिरिजा जी,
यह मेरा सौभाग्य है कि कुछ अच्छी रचनाएं...गिरिजा जी, <br />यह मेरा सौभाग्य है कि कुछ अच्छी रचनाएं, भीड़ में गुम होने से बची रह जाती हैं, कुछ आलेख टिप्पणियों की बाढ़ में में भी खुद को बचाए रखते हैं, कुछ कहानियाँ टिप्पणियों की आशा में अपनी पवित्रता नहीं खोतीं और कुछ पारिवारिक बातें मुझे बिलकुल अपनी सी लगती हैं.. क्या इतना कारण काफी नहीं कि आपकी पोस्ट पर एक भी टिप्पणी अगर हुयी तो वो मेरी होगी!! टिप्पणियों की संख्या और रचना की गुणवत्ता में कोई सम्बन्ध नहीं!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-54924474700109421642012-04-18T08:52:08.678-07:002012-04-18T08:52:08.678-07:00सलिल जी मेरे ब्लाग पर बहुत ही कम प्रतिक्रियाएं आती...सलिल जी मेरे ब्लाग पर बहुत ही कम प्रतिक्रियाएं आतीं हैं । लेकिन जो भी आतीं हैं मेरे लिये किसी नियामत से कम नही । आप रचना को पूरा ध्यान देते हैं यह किसी भी रचनाकार के लिये बडी बात है ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-84984222239045129672012-04-18T07:54:42.606-07:002012-04-18T07:54:42.606-07:00आज तो सिर झुकाए हूँ आपकी सामने गिरिजा जी.. एक बेहत...आज तो सिर झुकाए हूँ आपकी सामने गिरिजा जी.. एक बेहतरीन कविता.. बिना किसी भाषणबाज़ी के जितनी सशक्त आवाज़ आपने उठायी है कि बस रमपतिया में अपनी माँ नज़र आयी है.. मन हुआ है कि उसके पैर छू लूँ!! <br />गिरिजा जी, सचमुच जो कहा उससे कहीं ज़्यादा महसूसा है इस कविता को मन के अंदर!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-36008095027678467792012-04-18T03:42:48.477-07:002012-04-18T03:42:48.477-07:00रमपतिया एक सार्थक प्रतीकरमपतिया एक सार्थक प्रतीकरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-61950078846497288952012-04-18T01:12:56.723-07:002012-04-18T01:12:56.723-07:00बहुत बढ़िया................
आक्रामक लेखन.....
सचम...बहुत बढ़िया................<br /><br />आक्रामक लेखन.....<br />सचमुच कहाँ हो रमपतिया??????????<br />जागो हमारे भीतर से....<br /><br />अनुANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-44847195195945957272012-04-17T23:08:00.684-07:002012-04-17T23:08:00.684-07:00कितनी सहजता से आपने हर मन को दर्पण दिखला दिया ... ...कितनी सहजता से आपने हर मन को दर्पण दिखला दिया ... आभार ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-51793726091276886002012-04-17T22:52:34.544-07:002012-04-17T22:52:34.544-07:00मन को पूर्णता से व्यक्त करना हम सबको ही सीखना होगा...मन को पूर्णता से व्यक्त करना हम सबको ही सीखना होगा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com