tag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post1598546132401140862..comments2024-03-23T21:12:19.100-07:00Comments on Yeh Mera Jahaan: पथरीली राहों पर गिरिजा कुलश्रेष्ठhttp://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-82568600915899786802013-07-17T08:28:07.658-07:002013-07-17T08:28:07.658-07:00इस प्रतिबद्धता को नमन!
सादर!इस प्रतिबद्धता को नमन!<br />सादर!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-11403587774468473902013-07-17T08:27:20.577-07:002013-07-17T08:27:20.577-07:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-88996965398348532382013-05-22T20:29:56.727-07:002013-05-22T20:29:56.727-07:00आपके पिताजी पर लिखे आपके संस्मरण पहले भी पढ़े हैं....आपके पिताजी पर लिखे आपके संस्मरण पहले भी पढ़े हैं...और हमेशा मुझे बहुत पसंद आते हैं आपके ये संस्मरण..उनकी दृढता व प्रतिबद्धता से सीख लेनी चाहिए हमें!!abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-24178211232443770692013-05-20T23:21:41.048-07:002013-05-20T23:21:41.048-07:00काकाजी को लीक से हटकर चलना पसन्द जो था ..
मेरा तो...काकाजी को लीक से हटकर चलना पसन्द जो था ..<br /><br />मेरा तो मानना ही यही है ... की अपने खुद के बनाये रास्ते पे चलने का सुख किसी किसी को नसीब होता है ... और चरित्र की दृढ़ता भी उसमें हो होती है जो असूलों पे टिका रहता है ...<br />नमन है काका जी को ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-63107641509839705822013-05-20T07:35:31.443-07:002013-05-20T07:35:31.443-07:00नमन काकाजी को और चरण वन्दना जिया की...!!नमन काकाजी को और चरण वन्दना जिया की...!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-28230616869573810462013-05-20T06:28:40.056-07:002013-05-20T06:28:40.056-07:00इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-17711037666523535702013-05-20T06:04:56.188-07:002013-05-20T06:04:56.188-07:00ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन भारत के इस निर्मा... ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2013/05/blog-post_20.html" rel="nofollow"> भारत के इस निर्माण मे हक़ है किसका - ब्लॉग बुलेटिन</a> मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-75759837285802963572013-05-20T03:46:43.900-07:002013-05-20T03:46:43.900-07:00आज भी ऐसी सोच नही दिखतीआज भी ऐसी सोच नही दिखतीvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-86484967568287689332013-05-20T02:59:32.210-07:002013-05-20T02:59:32.210-07:00ऐसे दृढ़निश्चयी और सरल व्यक्तित्व को सादर नमन...ऐसे दृढ़निश्चयी और सरल व्यक्तित्व को सादर नमन...प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7529418855709302892.post-66440532168624363622013-05-20T01:54:09.184-07:002013-05-20T01:54:09.184-07:00बहुत जिजीविषा थी आपके काकाजी अर्थात् पिताजी में, ऐ...बहुत जिजीविषा थी आपके काकाजी अर्थात् पिताजी में, ऐसा ही होना भी चाहिए।Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.com