Yeh Mera Jahaan
गुरुवार, 21 मार्च 2024
जब कविता बन जाती है
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कुछ ही पल ऐसे होते हैं सखि जब कविता बन जाती है । अन्तर - वीणा पर पीडा , जब कोई राग बजाती है विद्रूपों की ज्वाला जब - जब भी , ...
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बुधवार, 20 मार्च 2024
दो पाटों के बीच
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“ ओ माँ ..आज तो बहुत थक गई . “ अंकिता ने आते ही बैग एक तरफ रखा और सोफा पर ही पसर गई . विमला ने एक ममत्त्व भरी निगाह से बहू को देखा ,पा...
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शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2024
उसकी बात
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खाली पड़े गमले में अनायास ही उग आए थे घासपूस जैसे छोटे छोटे पौधे अनजाने , अनचाहे . उखाड़ फेंकना था हटानी थी खरपतवार गेंदा ,ड...
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मंगलवार, 23 जनवरी 2024
पहली रचना (पुरानी डायरी से )
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अभी तक मुझे याद था कि पहली रचना मेरा पहला गीत – -- " काँटों को अपनालूँ मैं या मृदु कलियों से प्यार करूँ .. ” है जो किसी तरह न ष्ट ...
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गुरुवार, 4 जनवरी 2024
परदा
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आवरण या परदा अच्छा नहीं होता पड़ा हो अगर आँखों पर . या किसी भी तथ्य पर . परदा नही होता अच्छा बेशक जब दीवार बनता है दृष्टि ...
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