द्वार-देहरी
जलता जो ,
हर दीप तुम्हारे
नाम है .
अन्तर्मन से
निकला जो ,
हर गीत तुम्हारे
नाम है .
तुमको लगें
दुआएं सारी .
पूरी हों
उम्मीदें सारी .
रहे हौसला अविकल
अविजित,
रहो सदा दुश्मन
पर भारी .
सूरज की जो
अँधियारे पर ,
जीत तुम्हारे
नाम है .
अपना सुख-संसार
छोड़,
चल पड़े देश की
राहों में .
जान हथेली पर
रखली है ,
सीमा सिर्फ
निगाहों में .
हुए पराजित दमित
शत्रु की
गर्वित है मन पर
सोच यही है ,
शब्द भला किस काम के .
फिर भी दीप जलाए
हमने ,
सिर्फ तुम्हारे
नाम के .
हम सब ऋणी
तुम्हारे ,
बस यह प्रीति
तुम्हारे नाम है .
वीर जवानो मेरा तो ,
हर गीत तुम्हारे नाम है .
वीर जवानो मेरा तो ,
हर गीत तुम्हारे नाम है .
प्रभावशाली गीत , मंगलकामनाएं आपकी कलम को !
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल सोमवार (31-10-2016) के चर्चा मंच "स्नेह की लौ से जगमग हो दीवाली" {चर्चा अंक- 2512} पर भी होगी!
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 31 अक्टूबर 2016 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन टीम और मेरी ओर से आप सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं|
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "ब्लॉग बुलेटिन का दिवाली विशेषांक“ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
आपके गीतों को सलाम दीदी, उन वीर जवानों को सैल्यूट और जिनके घर इस दीवाली पर दीप भी न जल पाए, उनके परिजनों को प्रणाम. जय भारत माता के वीर सपूतों की!!
जवाब देंहटाएंयह प्रीति तुम्हारे नाम है - सबके मनों में ऐसा ही स्नेह-भाव जाग जाये यही मनाती हूँ .
जवाब देंहटाएंमंत्र-मुग्ध हुआ मन । शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंमंत्र-मुग्ध हुआ मन । शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर गीत देश के शहीदों के नाम ... अँधेरे पे जीत प्रकाश की होती ही है और देश के अमर जवानों ने ये काम बाखूबी किया है ... हर दीप उन्ही के नाम है जिनके हाथ देश की कमान है ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत...
जवाब देंहटाएंहमारा हर गीत तुम्हारे नाम है...
जवाब देंहटाएंहमारे सैनिक इस भावना के योग्य भी हैं.
बहुत बढ़िया भावपूर्ण रचना!