14 नवम्बर--2011
हमारी मान्या जी आज पूरे पाँच साल की होगईँ हैं । मजे की बात यह कि समझ में वे इससे ज्यादा बडी हो चुकीं है । सुलक्षणा ने एक दिन उसे बता दिया कि दादी भी टीचर हैं । उसका उद्देश्य निश्चित ही यह रहा होगा कि टीचर के नाम से मान्या जी कुछ 'डिसिप्लेन्ड' रहें जिसकी जरूरत माँओं को कुछ ज्यादा रहती है (दादी नानी की अपेक्षा ) पर अपनी तो आफत ही आगई ।
देखिये कि वे अब मेरी कैसी-कैसी परीक्षाएं लेतीं हैं ।
"दादी आपको सिन्ड्रेला की स्टोरी तो आती होगी । आप तो टीचर हैं ?"
"दादी मम्मी से कहो कि मुझे भी मार्केट ले जाएं । आपकी बात तो मान लेंगीं ।...क्यों ? क्यों नही मानेंगी ? आप तो टीचर हैं न !"
"दादी ! आप टीचर हैं तब आप को तो पता होगा कि मम्मी ने मेरी सारी चाकलेट्स कहाँ रखदी हैं ।"
"अरे दादी , आप मम्मी से क्यों पूछ रही हैं कि पिज्जा कैसे बनता है । आपको तो सब आता है । आप तो टीचर हैं न !"
"दादी ! मेरी खिलौने वाली बकेट उतार दो न । पापा आपसे कुछ नही कहेंगे आप तो टीचर हैं न ?"
"ओ हो दादी ! टीचर होकर भी आपको नही पता कि कार्टून नेटवर्क कहाँ आता है ।"
"अरे दादी !आपको क्यों नही पता कि मेरी बेस्ट फ्रेंड का नाम क्या है । टीचर को तो सब पता होता है । है न ?"
दादी आप आज मम्मी को कहदो ऑफिस नही जाएं .आपकी बात तो मानेंगी । आप तो टीचर हैं न ।
तो टीचर यानी एक सर्वज्ञाता, सर्वव्यापक और सर्वशक्तिमान हस्ती । होगई न अपनी आफत ।
और अब,
मान्या की टिप्पणी
यहाँ कविता के रूप में ।
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हमारी मान्या जी आज पूरे पाँच साल की होगईँ हैं । मजे की बात यह कि समझ में वे इससे ज्यादा बडी हो चुकीं है । सुलक्षणा ने एक दिन उसे बता दिया कि दादी भी टीचर हैं । उसका उद्देश्य निश्चित ही यह रहा होगा कि टीचर के नाम से मान्या जी कुछ 'डिसिप्लेन्ड' रहें जिसकी जरूरत माँओं को कुछ ज्यादा रहती है (दादी नानी की अपेक्षा ) पर अपनी तो आफत ही आगई ।
देखिये कि वे अब मेरी कैसी-कैसी परीक्षाएं लेतीं हैं ।
"दादी आपको सिन्ड्रेला की स्टोरी तो आती होगी । आप तो टीचर हैं ?"
"दादी मम्मी से कहो कि मुझे भी मार्केट ले जाएं । आपकी बात तो मान लेंगीं ।...क्यों ? क्यों नही मानेंगी ? आप तो टीचर हैं न !"
"दादी ! आप टीचर हैं तब आप को तो पता होगा कि मम्मी ने मेरी सारी चाकलेट्स कहाँ रखदी हैं ।"
"अरे दादी , आप मम्मी से क्यों पूछ रही हैं कि पिज्जा कैसे बनता है । आपको तो सब आता है । आप तो टीचर हैं न !"
"दादी ! मेरी खिलौने वाली बकेट उतार दो न । पापा आपसे कुछ नही कहेंगे आप तो टीचर हैं न ?"
"ओ हो दादी ! टीचर होकर भी आपको नही पता कि कार्टून नेटवर्क कहाँ आता है ।"
"अरे दादी !आपको क्यों नही पता कि मेरी बेस्ट फ्रेंड का नाम क्या है । टीचर को तो सब पता होता है । है न ?"
दादी आप आज मम्मी को कहदो ऑफिस नही जाएं .आपकी बात तो मानेंगी । आप तो टीचर हैं न ।
तो टीचर यानी एक सर्वज्ञाता, सर्वव्यापक और सर्वशक्तिमान हस्ती । होगई न अपनी आफत ।
और अब,
मान्या की टिप्पणी
यहाँ कविता के रूप में ।
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बडी भुलक्कड मेरी दादी ।
वैसे तो हैं सीधी--सादी
जैसे हो बापू की खादी
पर अक्खड लगती हैं दादी ।
बडी भुलक्कड मेरी दादी ।
कहते-कहते बात भूलती
चलते-चलते राह भूलती
दवा समय पर कभी न लेतीं
गैस चढा कर चाय भूलतीं
चश्मा--चाबी अक्सर भूलें
सबसे फिर ढुँढवातीं हैं
पेन हाथ में लिये-लिये ही
पेन कहाँ है चिल्लाती है ।
पेन कहाँ है चिल्लाती है ।
मन्नू को छुन्नू कह देतीं
छुन्नू को कहतीं हैं गुल्लू ।
मम्मी को बेटा कहती हैं
दादी बन जातीं हैं उल्लू ।
वाह वाह, पढ़कर आनन्द आ गया। सारे टीचरों भागो, बच्चे होशियार हो गये हैं।
जवाब देंहटाएंमान्या को सालगिरह की हार्दिक बधाई…………इसी तरह दादी की परीक्षा लेती रहना और दादी का नाम खूब रौशन करना।
जवाब देंहटाएंhappy birthday maanya ... dadi khush hain = to phir lage raho
जवाब देंहटाएंमान्या को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें ... आप तो टीचर हैं न .. लीजिए भुगतिये .. सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंपाँच साल की हुई मान्या, खेलें अक्कड़-बक्कड़,
जवाब देंहटाएंदादी जी आराम करो तुम हो गई बड़ी भुलक्कड़.
बंद करो स्कूल का चक्कर बैठो मेरे संग तुम बैठो,
दादी पोती मिलकर खेलें, इतना भी मत ऐंठो!!
शुभाशीष!!!
आप सबकी शुभ-कामनाओं के लिये आभारी हूँ ।
जवाब देंहटाएंhappy children's day
जवाब देंहटाएंवाह :) :) :) बहुत प्यारी,स्वीट और क्यूट पोस्ट!!
जवाब देंहटाएंहैप्पी बर्थडे टू मान्या!!
बिटिया रानी को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं..
जवाब देंहटाएंमान्या के जन्मदिन पर इतने सुंदर पोस्ट से बडा कोई और उपहार नहीं हो सकता।
गिरजा जी,
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना के बधाई,मान्या के जन्म की मेरी शुभकामनाए...साथ ही
मान्या के लिए मेरी नई रचना...-प्यारे बच्चों- मान्या तुम इसे जरूर पढ़ना...इसे देखने के लिए...
मेरे नए पोस्ट में स्वागत है ....
प्रिय मान्या को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंऔर कविता के तो क्या कहने !
चश्मा-चाबी अक्सर भूलें
जवाब देंहटाएंसबसे फिर ढुँढवातीं हैं
पेन हाथ में लिये-लिये ही
पेन कहाँ है चिल्लाती है ।
सुंदर प्रसंग के साथ सुंदर बालगीत।
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जवाब देंहटाएं**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**
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*मान्या को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं !*
आशीर्वाद !!
आप सभी परिवार जनों को
हार्दिक बधाई !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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कविता बहुत मस्त है :)
जवाब देंहटाएंपूरी पोस्ट शानदार !
विलंब से पहुंचा हूं … मिठाई से अधिक मिठास पोस्ट में पा'कर आनंद आ गया …
यहाँ आने का हार्दिक स्वागत व आभार
जवाब देंहटाएं