बुधवार, 28 सितंबर 2022

सिडनी डायरी --7 ‘हायम्स बीच’ और हम

नीले आसमान का दर्पण बना , गहन गंभीर निस्सीम नीलाभ सागर , अपने अथाह जलागार को सहेजने में व्यस्त ...उसकी व्यस्तता को तोड़ने उद्दाम उत्तुंग चंचल लहरें शोर करती हुईं तट की ओर बढ़ रही हैं , युवा होरही किशोरी की तरह सीमाएं तोड़ने और मनचाहे तरीके से फैल जाने को आतुर सी हिलोरें ..., लेकिन एक अनुशासन प्रिय पिता की तरह सागर गरज वरजकर मानो उन्हें रोक रहा है तो लहरें भी मानो मन मारकर तट को जितना भिगो सकती हैं , भिगोकर लौट रही है . या मानो कबड्डी के खिलाड़ी की तरह प्रतिपक्ष की सीमा को छूकर लौटना ही उनका लक्ष्य हो ,या फिर गोला या भाला फेंक जैसी कोई प्रतियोगिता चल रही हो कि कौन सी लहर तट को कहाँ तक भिगोकर आ पाएगी . कोई लहर नीरज चौपड़ा की तरह सबसे आगे बढ़कर तट को छू लेती है .

किनारे किनारे सुदूर बिछे हुए सफेद रेशम से मुलायम और महीन रेत का लम्बा तट नीले अम्बर की सफेद किनारी सा मनोरम , दृष्टि को विजड़ित करने पर्याप्त है .. सागर का नीलाभ जल कभी फिरोजी रंग में बदल जाता है तो नीली लहरें ऊपर उमड़ने पर हरिताभ होजाती हैं और आगे आगे बढ़ती हुई दुग्ध फेन सी धवल हो जाती हैं और तट पर फैलती हुई बालू के रंग में घुलमिल जाती हैं  .रंगों का यह अनूठा मेल और परिवर्तन चकित करता है .धुले निखरे काँच सा
दुग्ध धवल महीन रेत वाला तट

पारदर्शी जल मोहक आमंत्रण देता है . हालाँकि छूते ही बर्फीला अहसास कदमों को पीछे कर देता है लेकिन अगली लहर आपके पैरों से बालू के साथ पैरों को भी खींच लेती है और आप लहरों में घुलमिल जाते हैं .ठंडी लहरों से एकाकार होना भी एक अनूठा और तृप्तिदायक अनुभव है जिसे दूर किनारे पर बैठा व्यक्ति अनुभव नहीं कर सकता .   

यह मनोरम और रोमांचक दृश्य है हायम्स बीच ’ ( Hyams beach ) का . यह जेर्विस खाड़ी का एक बहुत ही खूबसूरत तट है जो अपने दूर तक फैले दूध से सफेद बारीक रेत के लिये विश्वभर में जाना जाता है .

सागर से मिलने चली एक नदी

सिडनी के दक्षिण में तस्मान सागर से सम्बद्ध जेर्विस खाड़ी (Jervis Bay) एक समुद्री खाड़ी है . जो  न्यू साउथ वेल्स के शॉल्हेवन (Shoalhaven) शहर का सुदूर विस्तारित तटीय क्षेत्र है जिसमें सघन वन हैं और मारीज़  Murrays beach , ब्लेनम Blenheim  ,नेल्सन Nelson ,  आदि अनेक सुन्दर तट ( beach) हैं . इन्हीं में से एक है Hyams beach जो अपने दुग्ध-धवल-तट के कारण अद्वितीय है .

हम लोगों ने सिडनी से 16 सितम्बर को हायम्स बीच के लिये प्रस्थान किया . हम-लोग में पाँच परिवार शामिल थे . सौरभ , अमर , शिवम् , लविराज और हम . कुल 21  (8 बच्चे और13 बड़े) सदस्य थे . पाँच परिवारों का प्यारा ग्रुप है जिनके बीच परस्पर आलू प्याज या चाय शक्कर माँग लेने वाला एकदम अनौपचारिक सम्बन्ध है .

 बोरल टाउन में ट्यूलिप गार्डन  

सिडनी से खूबसूरत जंगल के बीच , कंगारू वैली से गुजरते हुए, 180 कि मी. लम्बे शान्त और मनोरम मार्ग तय करके हम लोग माउंटेन व्यू रिजॉर्ट पहुँचे . बीच में बोरल Bowral town में रुककर जलपान किया और विविध रंग के ट्यूलिप के फूलों की प्रदर्शनी देखी . इन दिनों वसन्त पेड़ पौधों पर जी जान से अपना स्नेह लुटा रहा है . जहाँ देखों टहनियाँ फूलों से भरी हैं . हर तरफ फूलों का जैसे मेला लगा है . यहाँ तक कि धरती पर बिछी घास भी कई तरह के फूलों से सजी है .

माउंटेन व्यू रिजॉर्ट शॉल्हेवन हेड्स ( टाउन) में है जो शॉल्हेवन सिटी काउंसिल के अन्तर्गत है . यहाँ सुन्दर व सुविधायुक्त अनेक रिज़ॉर्ट हैं  माउंटेन व्यू उन्हीं में से एक है . 

डाइनिंग हॉल में 

इस हरे भरे पेड़ ,फूलों भरे पोधौं से सज्जित सुन्दर रिजॉर्ट में पर्यटकों के लिये गैसचूल्हा ज़रूरी बर्तन , चाय का सामान,  फ्रिज़ , टीवी , बेड्स सभी सामान और सुविधाओं से युक्त अनेक सुन्दर कॉटेज बने हुए हैं . साथ ही मनोरंजन के लिये  टेनिस ,जम्पिंग बॉल , स्वीमिंग पूल ,जिम आदि कई साधन हैं .क्योंकि खाने की व्यवस्था खुद करनी होती है . इसलिये सबने मिलजुलकर खाना बनाया . डाइनिंग हॉल में खा पीकर सब बतियाने बैठ गए . प्रेम , विवाह , कैरियर , बच्चे ,परिवार , रुचियाँ कितने सारे विषय .. ठहाकों के बीच समय का ध्यान ही न रहा . एक गोरी तन्वंगी ने आकर बड़ी नरमी से जताया कि हम लोग यहाँ जागने की समय सीमा पार कर चुके हैं . तब ध्यान आया कि हम लोग अपने घर में नहीं हैं .

सुबह सब लड़के टेनिस खेलने चले गए . बच्चों और उनकी माँओं ने जम्पिंग बॉल पर आनन्द लिया . मैं और नेहा ( शिवम् की पत्नी) की माँ दोनों वॉक पर निकल गईं .कुनकुनी धूप और ताजी हवा के झकोरों में हरे भरे ,फूलों भरे फुटपाथ पर टहलना भी एक अनौखा अनुभव रहा . दस बजे हम सब बीच के लिये निकल पड़े . रिजॉर्ट से 'हायम्स बीच' तक की दूरी लगभग 47-48 किमी है . सघन वन से आच्छादित मार्ग से होते हुए बीच तक हमें 45 मिनट से अधिक नहीं लगे . 

बीच पर पहुँचकर आँखें जैसे पलकें झँपकाना भूल गईं . तट की दूध सी सफेदी के साथ सागर का नीला फिरोजी रंग ,  दूर क्षितिज तक नीले आसमान के साथ एकाकार होता हुआ सा समुद्र , ऊंची लहरों का तुमुल गर्जन ..इसके बीच विजड़ित सा मन .. लहरें जैसे निमंत्रण दे रही थीं , चुनौती भी कि आओ हिम्मत है तो खेलो हमारे साथ ..उन लहरों में खेलना सचमुच कोई खेल नहीं . उन्हें हल्के में लेना भारी पड़ सकता है ...खैर यहाँ सबने लहरों का आनन्द जी भरकर लिया . पानी धुले निखरे काँच जैसा पारदर्शी ..और उतना ही ठण्डा लेकिन सभी हमउम्र साथी लहरों में खूब देर तक झूलते रहे . मैं पूरी तरह भीगना नहीं चाहती थी . पानी ही इतना बर्फीला था लेकिन तेज लहरें तो पाँव पकड़ कर खींच ही लेती है .ना ना कहते कमर से ऊपर तक भीग ही गई  .कवि ने डूबने का आनन्द अनुभव करने के बाद ही किसी को इंगित करके लिखा होगा हौं बौरा डूबन डरा रहा किनारे बैठ.” 

असीम सागर की अतलता और विकलता मुझे चकित भी करती है और विकल भी . उमड़ती हुई लहरों के गर्जन और फिर तट से टकराकर उनका लौटना मुझे कहीं व्यग्रता और वेदना का अनुभव कराता है . जैसे सागर धरती का दिल है . लहरें धरती का हदय-उद्वेलन है . धड़कन हैं ..–


सागर हृदय है धरती का 

उमड़ता है ,धड़कता है

किसी की प्रतीक्षाओं में .

मानव के थोथे दम्भ पर

प्रगति के नाम झूठे अवलम्ब पर .  

उफनता गरजता है ,

लिपटती हैं जैसे माँ से 

बेटियाँ फटेहाल ,लहूलुहान

मिलती हैं जब बदहाल नदियाँ

अभी तक सहमी हुई हैं सदियाँ  

तो सागर मन ही मन सिसकता है .

धरती का हदय सागर .

उमड़ता भी है नेहभर जब चन्द्रमा को

देखता है पूर्णकला सम्पन्न .

रहे यह ध्यान सबको 

और अब उसको   .

आघात ना पहुँचे .

धरा का हृदय सागर

रुष्ट हो तो प्रलय भी लाता है .

हरीतिमाच्छादित रिजॉर्ट 'माउंटेन व्यू' में


13 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 29.9.22 को चर्चा मंच पर चर्चा - 4567 के 8 लिंकों में शामिल किया गया है| आईएगा
    धन्यवाद
    दिलबाग

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  2. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 29.9.22 को चर्चा मंच पर चर्चा - 4567 के 8 लिंकों में शामिल किया गया है| आईएगा
    धन्यवाद
    दिलबाग

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  3. बहुत मनोरम दृश्यों के मनोहारी प्रस्तुति दिल को छू गयी। इसी बहाने हमें भी कुछ क्षण गोते लगाने का अवसर मिल जाता है। सागर की अतल गहराईयों को छूना मन को अच्छा लगा आपके इस सुन्दर यात्रा वृन्तान्त से .. हार्दिक शुभकामनाएं

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  4. आनंदकारी वर्णन सुंदर चित्र कथन शैली ने वृतांत को मुखरित कर दिया।
    काव्य सरस सुंदर।

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  5. आपने कितनी खूबसूरती से वर्णन किया है । ऐसा लग की उन पाँच परिवार के साथ साथ हम भी चल रहे । वर्णन के साथ साथ कविता ने भी सोचने पर मजबूर कर दिया । लाजवाब पोस्ट ।

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